जीवन का इक आइना, होते अपने कर्म
जीवन का इक आइना, होते अपने कर्म
जो समझा इस बात को, समझ गया वो मर्म
समझ गया वो मर्म, समय की होती कीमत
हाथों का है मैल ,कमाई जितनी दौलत
कहे ‘अर्चना’ बात,ख्याल रखना तन मन का
करके कर्म महान- सुधारो कल जीवन का
17-11-2022
डॉ अर्चना गुप्ता