* जीवन एक दरिया है *
* जीवन एक दरिया है *
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जीवन एक दरिया है,
फूलो भरी बगिया है।
अपनों से बसे बस्ती,
बेगानों का कजिया है।
सांसों से बहे धारा सी,
बहती हुई नदिया है।
साजों से सजे महफिल,
खुशियों की गुड़िया है।
सुख दुख से भरी गागर,
जीने का जरिया है।
देखो तो जरा मनसीरत,
हर पथ पड़ा दुखिया है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)