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3 May 2023 · 1 min read

जीने की

मुझसे इस ज़िंदगी की अदावत थी
इसलिए ।
जीने की ख़्वाहिशों में मुझे मैं भी
चाहिए था ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 608 Views
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