Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2024 · 1 min read

जीते जी तुझे छोड़ नहीं सकता,

जीते जी तुझे छोड़ नहीं सकता,
मरने के बाद तुझे बहुत याद आऊंगा।
सांस रहे न रहे जिश्म में मेरी,
सातों वचन जरूर निभाउंगा।

श्याम सांवरा….

36 Views

You may also like these posts

गुज़रा है वक्त लेकिन
गुज़रा है वक्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
अगर मैं कहूँ
अगर मैं कहूँ
Shweta Soni
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
The_dk_poetry
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
नज़्म
नज़्म
Neelofar Khan
प्यार की खोज में
प्यार की खोज में
Shutisha Rajput
एक उड़ती चिड़िया बोली
एक उड़ती चिड़िया बोली
डॉ. दीपक बवेजा
हमराज
हमराज
ललकार भारद्वाज
प्रिय मित्रों!
प्रिय मित्रों!
Rashmi Sanjay
छम-छम वर्षा
छम-छम वर्षा
surenderpal vaidya
तन्हा आसमां
तन्हा आसमां
PRATIK JANGID
कुछ तो जादू है तुम में
कुछ तो जादू है तुम में
लक्ष्मी सिंह
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हे दीपशिखे!
हे दीपशिखे!
कुमार अविनाश 'केसर'
#दोहा- (प्रणय प्रभात)
#दोहा- (प्रणय प्रभात)
*प्रणय*
निकाल कर फ़ुरसत
निकाल कर फ़ुरसत
हिमांशु Kulshrestha
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
पूर्वार्थ
"खेल-खिलाड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
साहित्य का वजूद
साहित्य का वजूद
Sushila Saini
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बदलता जीवन
बदलता जीवन
Sanjay ' शून्य'
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
विकास शुक्ल
- हम तुम्हारे बिना अधूरे है -
- हम तुम्हारे बिना अधूरे है -
bharat gehlot
3957.💐 *पूर्णिका* 💐
3957.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
Loading...