जिस ख्वाब को तुम हवा दे रहे हो
जिस ख्वाब को तुम हवा दे रहे हो
उस आग में फिर क्यों जल रहें हो
कभी थकते नहीं थे हमें अपना कहते
फिर क्यों किसी का हमें होने दें रहें हो
रोक लो अभी बात बिगड़ा नहीं है
दिल है दिल मेरा कोई पिंजरा नहीं है
पिंजरे का मैं कोई मैना तो नहीं हूं
जब जहां तुम चाहो वहां हमें नचाओ
इतना भी ना नितु हक़ हम पे जताओ
सच में अगर तुम हमें चाहते हो
फिर क्यों हमें किसी का होने दें रहें हो
प्यार को नहीं, तूने दोस्ती को पूजा है
मेरे यार मेरे लिए यार ढूंढा दूजा है
इससे बड़ा इश्क का तौवहिन क्या होगा
तेरे ही हाथों एक दिन मौत मेरा होगा
सच में अगर तुम मेरी खुशी चाहते हो
फिर क्यों किसी का हमें होने दें रहा है
ये कोई इश्क का इम्तिहान नहीं है
ऐसा तो इश्क में कभी होता नहीं है
अपने यार को, अपने दिलदार को
किसी के हवाले कोई करता नहीं है
जानता हूं प्यार से दोस्ती बड़ी है
मगर प्यार भी तो चीज बड़ी है
सच में अगर मुझे अपना मानते हो
सच में मेरी अगर सलामती चाहते हो
फिर क्यों किसी का हमें होने दें रहें हो
नितु साह(हुसेना बंगरा)सीवान-बिहार