जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
तू खफा है तो खुद को संभालूं कैसे ?
मुस्कुराने की तमाम कोशिश बेकार हुई,
रोना भी चाहूं तो आंखों से आंसू निकालूं कैसे ?
मंजू सागर
गाजियाबाद
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
तू खफा है तो खुद को संभालूं कैसे ?
मुस्कुराने की तमाम कोशिश बेकार हुई,
रोना भी चाहूं तो आंखों से आंसू निकालूं कैसे ?
मंजू सागर
गाजियाबाद