**** जिस्म छलनी हो गया ****
25.10.17 ** रात्रि ** 10.30
जिस्म छलनी हो गया है दिल का अब क्या पता
किस-किस ने अब मुझको है छला अब क्या पता।।
?मधुप बैरागी
25.10.17 ** रात्रि ** 9.51
आजकल ईमानदार होना गुनाह हो गया है
आज गुनहगार फिर से बेगुनाह हो गया है ।।
?मधुप बैरागी