Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

जिसे जीना हो

जिसे जीना हो जीने की रवानी ढूंढ लेता है
ये फितरत आदमी की रुत सुहानी ढूढ़ लेता है

जिधर भी ढाल पायेगा उधर का रुख करेगा ही
समंदर को हरेक दरिया का पानी ढूंढ लेता है

अँगूठी पेट से मछली के मिल जाना बताता है
समय हर हाल में खोई निशानी ढूँढ लेता है

समझता ही नहीं नादाँ ये दुनिया लाख समझाये
वो हर रिश्ते में फिर चाहत पुरानी ढूंढ लेता है

वही लिख पायेगा दुनिया में सच्चाई के अफ़साने
लो हर किस्से में अपनी ही कहानी ढूंढ लेता है
@
डॉक्टर //इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव

85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
ठीक नहीं
ठीक नहीं
विक्रम कुमार
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
Men are just like books. Many will judge the cover some will
Men are just like books. Many will judge the cover some will
पूर्वार्थ
*सिवा तेरे  सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
*सिवा तेरे सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भूमि भव्य यह भारत है!
भूमि भव्य यह भारत है!
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
भूख
भूख
Mansi Kadam
लाल डब्बों से जुड़े जज्बात
लाल डब्बों से जुड़े जज्बात
Akash RC Sharma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वफ़ा के ख़ज़ाने खोजने निकला था एक बेवफ़ा,
वफ़ा के ख़ज़ाने खोजने निकला था एक बेवफ़ा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
..........?
..........?
शेखर सिंह
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
SURYA PRAKASH SHARMA
*जख्मी मुस्कुराहटें*
*जख्मी मुस्कुराहटें*
Krishna Manshi
*गलतफहमी*
*गलतफहमी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा  दायित्व  बड़ा  है।
मेरा दायित्व बड़ा है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
Ravi Prakash
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
काश!
काश!
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
3193.*पूर्णिका*
3193.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अतिशय इच्छा अर्थ की
अतिशय इच्छा अर्थ की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
आर.एस. 'प्रीतम'
हिस्सा,,,,
हिस्सा,,,,
Happy sunshine Soni
आज मैया के दर्शन करेंगे
आज मैया के दर्शन करेंगे
Neeraj Mishra " नीर "
मैं एक बीबी बहन नहीं
मैं एक बीबी बहन नहीं
MEENU SHARMA
नग्नता को रोकना होगा
नग्नता को रोकना होगा
Dr.Pratibha Prakash
"संयम"
Dr. Kishan tandon kranti
😊इशारा😊
😊इशारा😊
*प्रणय*
Loading...