जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
झूठ और नाटक से जो इज्जत कमाई हो।
वो क्या जाने गुरबतों की जिल्लतों को,
छोड़कर मां बाप को जो घर जमाई हो।।
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
झूठ और नाटक से जो इज्जत कमाई हो।
वो क्या जाने गुरबतों की जिल्लतों को,
छोड़कर मां बाप को जो घर जमाई हो।।