जिसको अपना समझा
जिसको अपना समझा
वो बेगाना निकला
जिसको था पहचाना
वो अन्जाना निकला
किसको हाल सुनाए
अपने टूटे दिल का
जिसको दर्द सुनाया
वो सबको बताने निकला
खामोशी साथ बची बस
बाकी सब छूट गये है
सुख मे थे जो अपने
कबके छूट गये है
जो थे ख्वाब हमारा
हर इक अफसाना निकला
चाहे दहके शम्मा
जलने परवाना निकला
जिसको अपना समझा
वही बेगाना निकला
सरल
8416833587