जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
उससे विलग न कोई जग में कहीं खुदा है।
सौंपोगे किसे जीवन, जीवन तुम्हारा है क्या?
नादानियां भुला दो, कोई न गुमशुदा है ।।
— महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
उससे विलग न कोई जग में कहीं खुदा है।
सौंपोगे किसे जीवन, जीवन तुम्हारा है क्या?
नादानियां भुला दो, कोई न गुमशुदा है ।।
— महेश चन्द्र त्रिपाठी