जिया पुकारत…….
जिया पुकारत सजना तोहे
बिरह जलावत सजना मोहे
जिया पुकारत…….
कहे हिया— धरकन के सुन
नजर कहे— मुझको ही चुन
सुनो पिया— पायल के धुन
पिया बुलावत अंगना तोहे……
जिया पुकारत…….
बिरह अगन, कौन सम्भाला
अरे पिया, क्या कर डाला
जिया जरे, कइसन ज्वाला
पिया रुलावत अंगना मोहे……
जिया पुकारत…….
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