जिन्दा कोख
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विश्वास टूटने दे,मन न तोड़ ।
खत्म होने दे ब्रह्मांड तन न छोड़।
विश्वास और ब्रह्मांड जन्म लेगा फिर
मन और तन का कोख मात्र
अपना बरकरार रख।
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28/2/77
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विश्वास टूटने दे,मन न तोड़ ।
खत्म होने दे ब्रह्मांड तन न छोड़।
विश्वास और ब्रह्मांड जन्म लेगा फिर
मन और तन का कोख मात्र
अपना बरकरार रख।
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28/2/77