जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बहुत, दुख ज्यादा देती है।।
इरादों पर बार बार चोट कर निराशा जगाती ,जब हों हताश, निराशा में आशा उपजा देती है।।
कभी निहारती अपने को, कभी भूल जातीश्रृंगार करती हो बेखबर, प्रेम जगा देती है।।
वक्तव्य कब देना,कब रुक जाना,इशारे ये ,वक्त के पहले, बाद इशारा से समझा देती है।।
विशेषता है कि जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है,सुलझा कर समस्याओ को अनुभव देती है।।
किताब जीवन पर्यन्त पढ़ने की करो कोशिश ,मैं साकार सगुण हूँ! स्वयं चिल्लाकर बता देती है ।।