जिन्दगी उजड़ गई..
**^**जिन्दगी उजड़ गई**^**
———————————————
जब से तुम आई प्रिय जिन्दगी सवर गई,
जैसे ही तुम गई वो हर खुशी बिखर गई।
रंग जो भरे थे प्रिय कभी तेरे आगमन ने,
जुदा क्या हुये कि मेरी जिन्दगी उजड़ गई।।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
**^**जिन्दगी उजड़ गई**^**
———————————————
जब से तुम आई प्रिय जिन्दगी सवर गई,
जैसे ही तुम गई वो हर खुशी बिखर गई।
रंग जो भरे थे प्रिय कभी तेरे आगमन ने,
जुदा क्या हुये कि मेरी जिन्दगी उजड़ गई।।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”