Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2019 · 1 min read

जिद…

गर करोगे जिद तो नतीजा नहीं निकलता हैं!
रास्ता भी बदल लेगा जो तेरे साथ चलता हैं!

सूरज जैसे निकलता हैं निकलता ही रहेगा!
जब ढलता हैं तो अपने हिसाब से ढलता हैं!
?-AnoopS
04 Nov 2019

Language: Hindi
6 Likes · 212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साझ
साझ
Bodhisatva kastooriya
You're going to realize one day :
You're going to realize one day :
पूर्वार्थ
*पीड़ा*
*पीड़ा*
Dr. Priya Gupta
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
वो तो है ही यहूद
वो तो है ही यहूद
shabina. Naaz
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
शेखर सिंह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
गीत
गीत
दुष्यन्त 'बाबा'
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुबह का खास महत्व
सुबह का खास महत्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
"कोई तो है"
Dr. Kishan tandon kranti
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3011.*पूर्णिका*
3011.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जनमदिन तुम्हारा !!
जनमदिन तुम्हारा !!
Dhriti Mishra
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
Shashi kala vyas
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
एक हमारे मन के भीतर
एक हमारे मन के भीतर
Suryakant Dwivedi
ऐसा भी नहीं
ऐसा भी नहीं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
gurudeenverma198
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
Loading...