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30 Jul 2023 · 1 min read

जितना हुआ हूँ ख़त्म मैं उतना अभी भी बाकी हूँ

जितना हुआ हूँ ख़त्म मैं उतना अभी भी बाकी हूँ
मैं किस सदी का खेल हूँ कब से नजाने जारी हूँ

मेरी कहानी की ख़बर शायद अज़ल को भी नहीं
कितना पुराना हूँ भला क्या वक़्त का मैं साथी हूँ

ये अक्स मेरा ख़ुद मुझे बिन कुछ कहे ही कह रहा
मैं भूल हूँ कोई बड़ी हारी हुई मैं बाज़ी हूँ

इस ज़िन्दगी ने चैन से मुझकों कहाँ सोने दिया
पर मौत ने आकर कहा सोजा मैं लोरी गाती हूँ

वो अब तलक़ लौटा नहीं जो ये गया था बोलकर
बस इक मिनट रुकना अभी मैं लौटकर आती हूँ

Johnny Ahmed क़ैस

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