जितना ज्यादा ज्ञान प्राप्त करेंगे उतनी ही कुबुद्धि का भी प्रसार होगा
तुम जितना ज्यादा ज्ञान प्राप्त करेंगे उतनी ही कुबुद्धि का भी प्रसार तुममे होगा और ये निश्चित है! क्योंकि जब चीजें खुलेंगी तो दो ही तथ्य हमेशा उजागर होंगे, एक सकारात्मक और दूसरा नाकारात्मक अपितु ये समाज नाकारात्मकता को ही ज़ोर देता आया है क्योंकि समाज इससे घिर चुका है, या कहें लिप्त हो चुका है, तुम TV देखते हो, TV पर कुछ भी देखते हो, मोबाइल् देखते हो, लैपटॉप्स में मूवीज़ देखते हो, तुम वेब सिरीज़ देखते हो, इंटरनेट देखते हो इन सभी में तुम पाओगे कि हरेक दूसरी चीज ऐसी होगी जिसको तुम बस अकेले में देख या सुन सकते हो और यही हस्र तुम्हारे पेरेंट्स के साथ भी होता है मगर वे भी मौन हैं, सभी मौन हैं सभी चुप्पी साधे बैठे हैं, मेरे खयाल से सभी जीवनभोगी तथ्यों पर खुली चर्चा होनी चाहिये ताकि पांच साल के बच्चे को भी पता चल सके कि पंद्रह साल में मेरे साथ क्या पूर्वनियोजित घटना घटित हो सकती है और वो उसके लिए एक माइंडसेट लेकर चल सके, ऐसा तभी सम्भव है जब तुम सकारात्मक रवैये के साथ ज़ी रहे हों।
✒️ Brijpal Singh Dehradun, Uttarakhand