जिज्ञासा
जिज्ञासा
मेरे एक मित्र हैं बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति,
उनकी बार बार प्रश्न पूछते रहने की है प्रवृति।
मुझसे बोले, ” यह कैसा है उदेश्यों का दंगल!
विश्व के विज्ञानी खोज रहे हैं मंगल पर जीवन
और जीवन खोज रहा हैं धरती पर मंगल?
मैनें कहा,” नहीं है असल में उदेश्यों का आपस में कोई संघर्ष,
आवश्यक है अनुसन्धान ताकि हो विश्व का कल्याण और उत्कर्ष ”
फिर बोले, ” सुना है की अब ‘ स्लीपिंग मोड ‘ में चला गया है चंद्रयान,
क्या होता है ‘ स्लीपिंग मोड ‘ इसका कुछ सरल शब्दों में दीजिये ज्ञान।
मैंने बताया,” प्रतिकूल परिवेश में चंद्रयान कुछ काल के लिये कार्य नहीं कर पाता,
इस निष्क्रियता की सुप्त अवस्था को ‘ स्लीपिंग मोड ‘ परिभाषित है किया जाता।”
मुझे ऐसा प्रतीत हुआ संभवतः मेरा उत्तर उन्हें पूर्ण संतुष्ट नहीं कर पाया,
इसलिये उन्होनें यह प्रश्न अपने एक हास्यप्रिय नेता मित्र के समक्ष दोहराया।
विनोदी नेता जी के मन को विषय बहुत पसंद आया ,
उन्होंने अपने विशेष अंदाज में मित्र को समझाया –
” चुनाव में सफल होने के उपरांत हमारे में से कुछ लोग स्लीपिंग मोड में चले जाते हैं,
पांच साल के पश्चात् वह सुप्त अवस्था से बाहर आकर फिर से सक्रिय हो जाते हैं।”
मित्र महोदय को नेता जी द्वारा दिया अनुपम दृष्टांत अत्यंत भाया,
और गद गद ह्रदय से उन्होनें नेता जी को अपना आभार जताया।
डॉ हरविंदर सिंह बक्शी
6 -9 -2023