जिंदगी
काँटों में रहकर भी जो मुस्कराए ,
जिंदगी उसी को कहते हैं।
फुल मिलने पर भी जो ना बहके ,
इंसान उसी को कहते हैं।
काँटों में रहकर भी जो मुस्कराए ,
जिंदगी उसी को कहते हैं।
फुल मिलने पर भी जो ना बहके ,
इंसान उसी को कहते हैं।