जिंदगी
जब तक हैं आंखें खुली, तब तक चाँद चकोर।
ज्यूँ जग से रुखसत हुए, रहे न आँगन भोर
छोटी सी है ज़िन्दगी, रख बुलंद क़िरदार
कहती कब सूरजमुखी, सूरज मेरी ओर।।
सूर्यकान्त द्विवेदी
जब तक हैं आंखें खुली, तब तक चाँद चकोर।
ज्यूँ जग से रुखसत हुए, रहे न आँगन भोर
छोटी सी है ज़िन्दगी, रख बुलंद क़िरदार
कहती कब सूरजमुखी, सूरज मेरी ओर।।
सूर्यकान्त द्विवेदी