जिंदगी
माना कि कामयाबियों से अभी फ़ासलें बहुत हैं,
पर ऐ जिंदगी, मुझमें भी अभी होंसलें बहुत हैं,
हाँ, बिखेर दिये होंगें तुमने महल कितने ही,
पर उन खंडहरों में अब भी घोंसलें बहुत हैं…
माना कि कामयाबियों से अभी फ़ासलें बहुत हैं,
पर ऐ जिंदगी, मुझमें भी अभी होंसलें बहुत हैं,
हाँ, बिखेर दिये होंगें तुमने महल कितने ही,
पर उन खंडहरों में अब भी घोंसलें बहुत हैं…