जिंदगी
वो जाम सा अंजाम था ।
निग़ाहों से अपनी हैरान था ।
नही था कोई रिंद वो साक़ी,
जिंदगी उसका ही नाम था ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…
वो जाम सा अंजाम था ।
निग़ाहों से अपनी हैरान था ।
नही था कोई रिंद वो साक़ी,
जिंदगी उसका ही नाम था ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…