जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
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जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
अब तो हम हर गम को बड़े ही तहजीब से स्वागत करते हैं
शिव प्रताप लोधी
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
अब तो हम हर गम को बड़े ही तहजीब से स्वागत करते हैं
शिव प्रताप लोधी