जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
जिंदगी रूठ कर हमसे तूँ कहाँ जाएगी
यकीन है दिल को हमारे तूँ लौट आएगी
मैने बहुत प्यार किया है जिंदगी तुझसे
तुझे मालूम ही नहीं जो तूँ चली जाएगी
लोग कहते हैं कि जिंदगी तो बेवफा है
क्या उनकी ही बात ये सच्च हो जाएगी
मैं हूँ नादान रूठे को मनाना नहीं आता
सोचता रहता हूँ मैं तूँ खुद समझ जाएगी
तुम्हारी चाहत में भूला बैठा हूँ खुद को
तुम्हे होगा यकीन जब सांस थम जांएगी
‘V9द’ वाकिफ हूँ मैं इन जाने वालों से
ना कर इंतजार अब आँखें पथरा जांएगी