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9 Dec 2021 · 1 min read

जिंदगी में उसका बेड़ा पार है।

मुक्तक
2122…….2122…….212

जिंदगी में उसका बेड़ा पार है।
हाथ मे जिसके रही पतवार है।
नाव अपनी गैर खेवनहार हो,
ढूबता भी बस वही मझधार है।

…….✍️ प्रेमी

Language: Hindi
194 Views
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