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20 Feb 2024 · 1 min read

जिंदगी – चौराहे – दृष्टि भ्रम

लोग कहते हैं की जिंदगी
चौराहे पर खड़ी है

उधेड़ बुन ऐसी – की
जाएँ तो किधर जाएँ
यह कैसा दृष्टि भ्रम है !?!

नजर का फेर है ‘
नजरिया ही फेर लें

तो यह एहसास भी होगा
चारों दिशाओं को जोड़ती हैं
चौराहें –

बस जिंदगी को
समेटने की जरूरत है !!

Language: Hindi
162 Views
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