जिंदगी खेत से
खेत से बा हँसी आ खुशी खेत से
हम किसानन के बा जिंदगी खेत से
खेत मंदिर हवे आ विधाता इहे
सबके माता इहे अन्नदाता इहे
दूर हो जाला हर बेबसी खेत से-
हम किसानन के बा जिंदगी खेत से
पुन्य के काम हऽ खेती-बारी कइल
अन्न खा के जिये चाहें केहू भइल
आदमी बनि गइल आदमी खेत से-
हम किसानन के बा जिंदगी खेत से
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 15/11/2005