जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
बेशर्मी का आजकल, खूब चला यह दौर ।
बेलिबास अब जिंदगी, रास करे दिन रात –
मर्यादा छलनी हुई, कोई करे न गौर ।
सुशील सरना / 1-3-24
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
बेशर्मी का आजकल, खूब चला यह दौर ।
बेलिबास अब जिंदगी, रास करे दिन रात –
मर्यादा छलनी हुई, कोई करे न गौर ।
सुशील सरना / 1-3-24