जिंदगी की तरह
चाहते हैं हम तुझे जिंदगी की तरह
तू बिछढ़ ना जाना हम से खुशी की तरह….
कोई नहीं जो फि रमिला दे
दिलो को दिलो से
कौन करता है हक अदा
जिंदगी का
बंदगी की तरह ….
शबीना ज़ी
चाहते हैं हम तुझे जिंदगी की तरह
तू बिछढ़ ना जाना हम से खुशी की तरह….
कोई नहीं जो फि रमिला दे
दिलो को दिलो से
कौन करता है हक अदा
जिंदगी का
बंदगी की तरह ….
शबीना ज़ी