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10 Sep 2023 · 1 min read

**जिंदगी की टूटी लड़ी है**

**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
**********************

आ गई ये मुश्किल घड़ी है,
जिंदगी की टूटी लड़ी है।

क्या करें वश चलता नहीं हैँ,
आँसुओं की आई झड़ी है।

ना समझ कुछ भी न आए,
बात उनकी हद से बड़ी है।

ये हवा जो शीतल चली है,
प्यार के आगे की कड़ी है।

क्यां करूँ मनसीरत बताए,
मौत बनकर सामने खड़ी है।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

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