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15 Sep 2024 · 1 min read

जिंदगी का सफ़र

कोई छिड़कता है जख्मों पर नमक ll
कोई उनका मरहम बन जाता है ll

कोई छोड़ देता है बीच राह हाथ ll
कोई मरते दम तक साथ निभाता है ll

कोई उडाता है मजाक जज्बातों का ll
कोई ख़ामोशी भी समझ जाता है ll

कोई अपना होकर भी अपना नही बन पता ll
कोई पराया होकर भी अपना बन जाता ll

✍️ Shubham Anand Manmeet

Language: Hindi
64 Views
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