जिंदगी का निर्देशक
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जहां विश्वास है वहां सबूत की ज़रूरत नहीं होती…आखिर गीता पर भी कहाँ श्रीकृष्ण के दस्तखत हैं…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हौसले के तरकश में कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखना चाहिए की हार भी जाएं जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रखनी चाहिए …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमारी आँखों पर पड़ा ब्लाइंड फेथ /जरुरत से ज्यादा विश्वास का पर्दा भी वही लोग उठाते/गिराते हैं जिन पर वाकई हम अपने से ज्यादा भरोसा करते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की वो ईष्ट-सतगुरु ही हमारी जिंदगी का निर्देशक है ,उसी के इशारे पर हम हर कर्म -करता और क्रिया कर रहे हैं पर वो इतना चतुर है की हमारी कई तरीकों से ऐसी परीक्षा लेता है की हम अपने किरदार को किस बखूबी से निभाते हैं उसके हरेक दृष्टिकोण को वो भांपता है और जिंदगी रूपी फिल्म के खत्म होने पर हमारे कर्मों के हिसाब से हमें स्वर्ग नरक रूपी और अगली फिल्म में हम होंगें या नहीं और अगर होंगे तो खलनायक या नायक तय करता है ,इसलिए निश्छल रहिये -सत्य की राह पर चलिए -कभी किसी का बुरा मत कीजिये …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान