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7 May 2024 · 1 min read

जिंदगी आगाज है

जिंदगी आगाज है अंजाम यारों मौत है
इस सफर का आखिरी पैगाम यारों मौत है

व्याधियों से टूटता लाचार तन बेबस सा मन
ऐसे तन मन के लिए इनाम यारों मौत है

बेसबब बेकार बोझल आजकल है जिंदगी
खुशनुमा खामोश पर गुमनाम यारों मौत है

रूह जो सारी उम्र चलकर थकी हैरान है
दो घड़ी उसके लिए आराम यारों मौत है

जागती सुनकर जिसे चोला बदलने की ललक
आत्मा के वास्ते वह नाम यारों मौत है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
13 वी रचना

34 Views
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