Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2017 · 1 min read

जान सके तो जान

साप्ताहिक आयोजन 172
शनि-रवि ( 08-09 जुलाई )
समस्यापूर्ति चरण- “जान सके तो जान”
======================
करता है दादागिरी, …..बेच रहा सामान !
ऐसे पापी चीन को , जान सके तो जान !!

हाथों की सब उँगलियाँ होती नहीं समान !
करती मिलकर काम पर,जान सके तो जान! !

आया खाली हाथ ही,दुनिया मे इन्सान!
ले जाएगा साथ क्या,जान सके तो जान।।

ऊँचे शिक्षण से नहीं ,..बने व्यक्ति विद्वान !
सोलह आने सत्य है..जान सके तो जान.!!

गुरु दिखलाये राह जब ,मिले नसीहत ज्ञान !
हो जाता जीवन सफल,जान सके तो जान !!

कितना भी पढ़ ले मनुज, बन जाये विद्वान।
बिना गुरू सब व्यर्थ है, जान सके तो जान।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 484 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संघर्ष से‌ लड़ती
संघर्ष से‌ लड़ती
Arti Bhadauria
ये तो मुहब्बत में
ये तो मुहब्बत में
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
माँ
माँ
Anju
2621.पूर्णिका
2621.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
मौत ने पूछा जिंदगी से,
मौत ने पूछा जिंदगी से,
Umender kumar
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
अभिसप्त गधा
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
संगीत........... जीवन हैं
संगीत........... जीवन हैं
Neeraj Agarwal
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
Paras Nath Jha
वायदे के बाद भी
वायदे के बाद भी
Atul "Krishn"
"सुनो"
Dr. Kishan tandon kranti
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
तंज़ीम
तंज़ीम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
Ravi Prakash
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
Satish Srijan
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...