जान सके तो जान
साप्ताहिक आयोजन 172
शनि-रवि ( 08-09 जुलाई )
समस्यापूर्ति चरण- “जान सके तो जान”
======================
करता है दादागिरी, …..बेच रहा सामान !
ऐसे पापी चीन को , जान सके तो जान !!
हाथों की सब उँगलियाँ होती नहीं समान !
करती मिलकर काम पर,जान सके तो जान! !
आया खाली हाथ ही,दुनिया मे इन्सान!
ले जाएगा साथ क्या,जान सके तो जान।।
ऊँचे शिक्षण से नहीं ,..बने व्यक्ति विद्वान !
सोलह आने सत्य है..जान सके तो जान.!!
गुरु दिखलाये राह जब ,मिले नसीहत ज्ञान !
हो जाता जीवन सफल,जान सके तो जान !!
कितना भी पढ़ ले मनुज, बन जाये विद्वान।
बिना गुरू सब व्यर्थ है, जान सके तो जान।
रमेश शर्मा