न कोई मारे ताने
जाने हम किस पाप की, सजा रहे हैं भोग।
जीवन सारा गुजर गया, आया ना यह योग।।
आया ना यह योग, कभी ना जज ये सोचे।
रहे गुरु का मान, न कोई हमको नोचे।।
बना रहे सम्मान, न कोई मारे ताने।
हैं हम भी इंसान, कभी ना जज ये जाने।।
✍️जटाशंकर”जटा”
जाने हम किस पाप की, सजा रहे हैं भोग।
जीवन सारा गुजर गया, आया ना यह योग।।
आया ना यह योग, कभी ना जज ये सोचे।
रहे गुरु का मान, न कोई हमको नोचे।।
बना रहे सम्मान, न कोई मारे ताने।
हैं हम भी इंसान, कभी ना जज ये जाने।।
✍️जटाशंकर”जटा”