जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
खूबसूरती का क्या है आज है तो कल नहीं।
कभी बदसूरत्ती को भी अपना कर देखो।
जो खूबसूरती से भी ज्यादा खूबसूरत रही है।
जिसका किरदार बदलता नहीं जमाने के साथ।
चाहे बदल जाए मौसम हजार।।
जिस प्रकार पानी का ,ना कोई रंग होता है
फिर भी वह हर रंग में रंग जाता है
बदसूरती की भी कोई सूरत नहीं होती
खूबसूरती में भी तुम्हें मिल जाएगी वह हर बार।।
क्यों घबराता है अंधेरे से तू इंसान।
सिर्फ उजालों के पीछे ही क्यों भागता है तू इंसान।
इन उजालों में भी कहीं अंधेरा है घना छिपा।
कभी इन अंधेरों को भी अपना कर देख ।
मिल जाएगी इसमें तुझे रोशनी की एक किरण ।
हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती।
यह कहावत तो प्रसिद्ध है।
कोयले की खान में भी हीरा चमकता है
इस बात को भी हमेशा ध्यान में रख तू इंसान।