जानी मानी गलियों में ,
जानी मानी गलियों में ,
अनजानी हुई गलतियों का
पत्थर है लांघना ,
सृजन करना है सुयश ,किंतु संघर्ष का पथ ही खोजना ,
लक्ष्य भले ही दूर से लुभाए
पर धैर्यता है धरना,
सीख कर हर व्याकरण,
जीवन है सरल बनाना
,लिखकर कुछ ,
कुछ अंतर्मन है छूना ,
सौभाग्य हमारा जो यह पथ(पटल) मिला ,
बस अब नित- नित है मुझे निखरना
थाम लिया जो हाथ पथ-प्रणेता, “पर ” पसार एक नया आकाश है छूना
पं अंजू पांडेय अश्रु