जादूगर
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❆ लघुकथा सृजन –
❆ विषय – जादूगर
❆ तिथि – 05 दिसम्बर 2018
❆ वार – बुधवार
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▼ विषय अनुसार लघुकथा
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चिकित्सक रमन स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले अमेरिका से अपने पैत्रिक ग्राम हरिपुर आ कर रहने लगे थे।
परिवार पहले से ही वहीं सुव्यवस्थितरुप से रह रहा था ; निकट ही घना जंगल था। उत्तम प्राकृतिक माहौल था।
एक दिन अचानक एक शावक तेंदुए को अत्यधिक घायल, नाजुक अवस्था में देख कर उन्होंने तत्काल परिजनों एवं कुछ गांववालों के सहयोग से उसका एक बड़ी किन्तु सफल शल्यक्रिया (ऑपरेशन) किया…वह उनके पास ही रहने लगा…मजे कि बात यह कि वह शाकाहारी भोजन ही करने लगा..क्योंकि परिवार शाकाहारी था ? अब तो यह रोजमर्रा की बात हो गई… आएदिन कोई न कोई नया पशु उनके घर जिसमें अच्छी खासी कई एकड़ जमीन थी, रहने लगे…देखते-देखते परिवार बढ़ता गया अब संख्या सौ के पार पहूँच चुकी थी… रमन जी कि नन्हीं तीन वर्ष की पौत्री भी खूँखार हिंस्र पशुऔं से जैसे कोई खिलौने से खेलता है बेखौफ खेलती है !!
कभी पढ़ा भर था पुस्तकों में कि जिसनें ‘अहिंसा’ को पूर्णतया आत्मसात कर लिया हो उसके सामने शेर व बकरी स्वाभाविक रुप से हिंसा भूला कर रह सकते हैं…पर इस परिवार ने तो सच में ऐसा चमत्कार कर दिया है… अधिक आश्चर्य तो यह कि सभी शाकाहारी-माँसाहारी पशु हिल-मिल कर रहते हैं.. तथा सिर्फ..”शाकाहारी” भोजन ही करते हैं।
वाह #जादूगर_रमन_सादर_नमन* आपको..परिवार.. को.. विशुद्ध सेवा भाव को !!!
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(एक सुनी हुई सत्य घटना पर आधारित)
(कुल शब्द संख्या – 221)
#स्वरचित_मौलिक_सर्वाधिकार_सुरक्षित*
✍ अजय कुमार पारीक’अकिंचन’
☛ जयपुर (राजस्थान)
☛Ajaikumar Pareek.
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