जादुई कलम
जादुई कलम
शाम होने को थी सूरज की रोशनी भी मद्धम पड़ गई थी । आरव अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था । अपूर्वा लान में बैठी बच्चों को खेलते हुए देख रही थी अंधेरा होते देख अपूर्वा ने आरव को आवाज लगाई ।
आरव ! शाम हो गई है अब घर आ जाओ होम वर्क भी पूरा करना है ।
मां ! बस पांच मिनट , इस ओवर की एक ही गेंद बाकी है ।
अच्छा ! आरव जल्दी आ जाना ।
ओके …..मम्मा गेम खत्म करके अभी आया ।
अपूर्वा अंदर अलगनी से कपड़े उतार कर सूखे हुए कपड़ों की तह बना कर रखने लगी ।
आरव कंधे पर बेट रखकर दोस्तों से विदा लेकर घर के अंदर आया सीढ़ियों के नीचे बनी अलमारी में बेट रखकर वाश रुम मे हाथ मुंह धोने लगा ।
आरव ! सुनो तुम्हारा दूध कार्नफ्लेक्स टेबल पर रख दिया है । आ ….जाओ आरव …जी .आ रहा हूँ माँ ।
शाम के छः बज गए थे आफिस टाईम खत्म हो गया था । आनंद को आज आफिस की तरफ से बेहद सुंदर आकर्षक जादुई कलम मिली थी । इसलिए आज आनंद जल्द से जल्द घर पहुंच कर आरव को अचंभित कर देना चाहते थे । आनंद आफिस की बिल्डिंग से नीचे पार्किंग में पहुंच कर गाड़ी में बैठ कर घर की ओर चल दिए
घर के अंदर पहुंच कर दबे पांव आरव के पास पहुंच गए और पीछे से उसकी आंखें बंद कर ली आरव ने हाथ को छुआ और चिल्ला उठा पापा … पापा आप आगए । आनंद ने अपने हाथ अभी आरव की आंखों पर ही रखें और आरव के हाथ में कलम पकड़ा दी आरव ने कलम को छूकर देखा पापा ये क्या है ?
आनंद ने अपना हाथ आरवकी आँखों से हटा लिया आरव ने आंखें खोली देखा हाथ में एक सुंदर सी कलम है ।
वाह! पापा कागज़ की नाव देखी पर कागज की कलम पहली बार देखी है ।
आरव इसे संभाल कर रखना इस कलम की स्याही खत्म होने के बाद ये अपना जादुई करिष्मा दिखाती है ।
ओह ! अद्भुत कलम है ।
अपूर्वा टेबल पर चाय रखते हुए दोनों की प्यार भरी बातें सुनकर कर मुस्कुरा दी ।
आरव ! अपना दूध जल्दी खत्म करों
आनंद आप भी जल्दी आईये और चाय पी लीजिए ।
आरव कलम पाकर बहुत खुश था । उसने अपना दूध कार्नफ्लेक्स फटाफट खत्म किया और अपना होमवर्क नई पेन से करने के लिए बैठ गया होम वर्क खत्म होते ही आरव पापा के पास पहुंच गया ।
पापा इस कलम के जादूके बारे में बताईये ना आरव पहले खाना खा लेते हैं फिर बिस्तर पर सोने से पहले तुम्हें बतायेगे ।
अपूर्वा ने डायनिंग टेबल पर खाना लगा दिया ।
आरव और आनंद दोनों डायनिंग टेबल पर बैठ गए अपूर्वा ने दोनों के लिए खाना परोसा ।
आरव आलू-मटर की सब्जी देख कर खुश हुआ।
वाह ! ग्रेट मदर आपने मेरे मन पसंद सब्जी बनाई है ।
आरव को जादुई कलम के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता थी । इसलिए आरव ने अपना खाना जल्दी से खत्म कर लिया और झट से बेड पर जाकर पापा के आने का इंतजार करने लगा ।
आनंद के आते ही आरव ने अपना प्रश्न दोहराया । पापा जल्दी बताईये ना जादुई कलम के बारे में आरव सुनो ! यह कागज की कलम हमारी दोस्त हैं साथ ही पर्यावरण की भी दोस्त हैं ।
आरव मेरे हाथ में कुछ जादुई कलम है इन सभी को कल हम अपने लान की क्यारी में बो देंगे फिर कुछ दिन तक बाद देखना कलम पौधों में तब्दील हो जायेगी ।
ओह हो ! कमाल की कलम है । पापा कल मुझे जल्दी उठा देना मैं भी आपके साथ कलम की बुआई करुंगा ।
अपूर्वा को आता देख आनंद ने आरव को चुप रहने के लिए इशारा किया ताकि अपूर्वा को दोनो मिलकर सरप्राइज करने की योजना बनाई अपूर्वा को इसका पता ना लगे ।
आरव चुप चाप पापा के सीने पर हाथ रख कर लेटा तो कुछ ही देर में गहरी नींद में सो गया आनंद भी सो गए ।
सुबह आनंद ने आरव को धीरे से जगाया ताकि अपूर्वा की नींद न टूटे और उन्हें इस योजना का पता ना लगे । आरव भी कलम का जादू देखने के लिए उत्साहित था इसलिए जल्दी से उठकर पापा के पीछे पीछे चल दिया ।
आनंद ने खुरपी की सहायता से जमीन को खोदा और कलम की बुआई कर दी आरव ने फुहारें से पानी छिड़क दिया । आनंद और आरव दोनों दबे पांव आकर फिर से सो गए ।
अपूर्वा की नींद खुली उसका ध्यान घड़ी की तरफ गया जल्दी से आरव और आनंद को जगाया ।
आरव उठो ! स्कूल का समय हो रहा है ।
आरव उठ गया और स्कूल के लिए तैयार होने लगा ।
तैयार होकर आरव स्कूल चला गया । आनंद अपने आफिस चले गए। हर दिन की भागम भाग में एक सप्ताह बीत गया ।
रविवार की सुबह आनंद अखबार पढ़ रहे थे आरव पौधों को पानी लगा रहा था । अपूर्वा सुबह का नाश्ता बनाने में व्यस्त थी । पानी लगाते हुए आरव क्यारी के पास आया तो वहां का नजारा देखते ही उछल पड़ा पापा कलम ने सचमुच जादू कर दिया सारी की सारी कलम पौधों में बदल गई है । आरव दौड़ कर भागा और मम्मी को पकड़ कर खींचता हुआ लाया मम्मी देखो जादुई कलम से पौधे निकल आए हैं ।
अपूर्वा ने देखा मिट्टी में कागज की कलम अब पौधों में परिवर्तित हो गई है ।
आनंद और आरव ने ताली बजाकर नन्हें पौधों का स्वागत किया ।
ने देखा अभी भी ठगी सी खड़ी होकर इस जादू को निहार रही थी ।
आनंद ने जब रहस्य से पर्दा उठाया
अपूर्वा का चेहरा खुशी से दमक उठा