जातियों में बँट गया
शहरातियों में बँट गया देहातियों में बँट गया
ज़र्रा ज़र्रा मुल्क का आघातियों में बँट गया
कैसे तरक्की पाएगा इंसान जो कि चुनाव में
धर्म में कभी बँट गया कभी जातियों में बँट गया
शहरातियों में बँट गया देहातियों में बँट गया
ज़र्रा ज़र्रा मुल्क का आघातियों में बँट गया
कैसे तरक्की पाएगा इंसान जो कि चुनाव में
धर्म में कभी बँट गया कभी जातियों में बँट गया