जाग रे जोगिया @गीत
रंग रे जोगिया
रंग ले
तन नहीं
मन नहीं
रंग रे जोगिया
हटे पसंद
खुले नींद
उठ
जाग रे
हटे रंग
समझ बदरंग
प्रेम संग
पैदा हो प्रीत
सेवा हो भाव तेरा
कोई न दुस्वार हो
छँटे बादल
देख
खुले आसमान
सब है समान
जाग रे जोगिया
जागा रे हंस महेन्द्र