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29 Mar 2023 · 1 min read

जागो बेटा (सारस छंद )

जागो बेटा
सारस छंद
12,12/24
आदि गुरू अंत सगण
2112 2112
******************
रात गई ,लाल उठो,
बोल रहीं हैं चिडियाँ।
चाँद गया साथ लिये,
शीतल सी चाँदनियाँ।

अंबर से फूट रहे,
धूप भरे अंकुर हैं।
दूध मिले ग्वाल दिखे
धेनु सुवन आतुर हैं।

लो उनसे सीख चलो,
जो घर के काम करो,
खेत फसल टेर रही,
ढोर चरें सोच डरो ।

आलस है शत्रु बड़ा,
नीति कहे भारत की ।
नींद तजो कर्म करो ,
है दुनियाँ स्वारथ की ।

वृद्ध पिता आस लिए,
देख रहे हैं तुझको ।
हाथ बटा तू उनका
धीरज अब दे मुझको ।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
29/3/23

Language: Hindi
185 Views
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