ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,
ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,
ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?
ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में,
ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?
ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,
ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?
ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में,
ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ?