ज़ेहन से
ज़ेहन से
हटती कब है
तस्वीर तुम्हारी…
ख्वाब,ख्याल, तसव्वुर
ख़ामोशी, तन्हाई या महफ़िल
कुछ भी
तो नहीं तुमसे खाली…
हिमांशु Kulshrestha
ज़ेहन से
हटती कब है
तस्वीर तुम्हारी…
ख्वाब,ख्याल, तसव्वुर
ख़ामोशी, तन्हाई या महफ़िल
कुछ भी
तो नहीं तुमसे खाली…
हिमांशु Kulshrestha