“ज़ीनत”
“ज़ीनत”
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ज्ञान , विवेक व सद्कर्म ही होगा जब इंसान का ज़ीनत,
मानवता की राह ना कर पाएगा अवरूद्ध कभी नफ़रत।
परोपकार, दया, धर्म के साथ फैलेगा चहुॅंओर उजियारा,
दुनिया के हर क्षेत्र में होगा फ़लाह-ओ-बहबूद व बरकत।
~अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~किशनगंज ( बिहार )
( स्वरचित एवं मौलिक )
दिनांक : 27/02/2022.
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