ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
जिसमें हमारे शत्रु स्वयं हम ही हैं।
हमें स्वयं से ही युद्ध करना है
और स्वयं पर ही
विजय पाना है।
✍ सारांश सिंह ‘प्रियम’
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
जिसमें हमारे शत्रु स्वयं हम ही हैं।
हमें स्वयं से ही युद्ध करना है
और स्वयं पर ही
विजय पाना है।
✍ सारांश सिंह ‘प्रियम’