ज़िन्दगी क्या है
कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में चाहें कितनी भी दौलत, शौहरत हासिल क्यों न कर ले, लेकिन जब तक उसकी खुशियों को बांटने वाले, उसकी हौसला अफज़ाई करने वाले, उस पर बेलौस प्यार लुटाने वाले, उसके साथ नहीं होते, तो वह व्यक्ति कामयाब होकर भी नाकामयाब रहता है। जीवन को आधार प्रदान करने में उसे मुकम्मल बनाने में, हमारे अपनो की महत्वपूर्ण भूमिका और विशेष योगदान होता है, और यह रिश्ते ही तो होते हैं जो हमारे जीवन को बेपनाह खुशियों से भर देते हैं, लेकिन अफसोस ! वर्तमान परिवेश में जिस प्रकार से लोग रिश्तों को निभा रहे हैं, वह मात्र औपचारिकता के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है, और इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है, कि आज की तेज़ रफ्तार जीवन शैली ने रिश्तों को प्रभावित ही नहीं बल्कि उन्हें खोखला भी बना दिया है। सामाजिक बदलाव एक स्वभाविक प्रक्रिया है जिसे अन्यथा लेना भी नहीं चाहिए लेकिन इसके साथ ही हमें हमारे रिश्तों को, बिखरने से बचाने और उन्हें मज़बूती देने के लिए भी, सकारात्मक प्रयास करने चाहिए, और उन कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए जो हमारे रिश्तों को तोड़ने की वजह बनते है।
वास्तव में हमारे जीवन में अगर रिश्ते न हो तो हम कितने तंहा हो जायेंगे.? रिश्ते है तो हम हैं, वरना जीवन शून्य के अतिरिक्त कुछ भी नहीं, और इसमें कोई दो राय नहीं है कि रिश्ते हमारे जीवन को आधार प्रदान करते हैं, इसलिए रिश्तों को पूरे सम्मान के साथ सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए, रिश्ता कोई भी हो हर रिश्ता खूबसूरत होता है, बस ज़रूरी हर रिश्ते को दिल से निभाने की उन्हें समय और सम्मान देने की होनी चाहिए, क्योंकि ये रिश्ते ही होते हैं जो हमारे जीवन की रिक्तता को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए इन्हें किसी भी परिस्थिति में खोने न दे इन्हें संभाल कर रखें और अपनी ज़िन्दगी को अपने खूबसूरत रिश्तों से महका दे क्योंकि अपने हैं तभी हमारी खुशियों की सार्थकता है।
डॉ. फौज़िया नसीम शाद