ज़िन्दगी की गणित
कितने अनभिज्ञ थेजिन्दगी की
गणित से हम तुम
सुलझा लेंगे हर प्रश्नावली
यही सोचे थे हम तुम
असंख्य गुणा-भाग के बाद भी
उत्तर न मिला तो समझे
कि कितने नासमझ थे हम तुम
जाने कितने कोष्ठक बन्द
है ,इस जिन्दगी में
इसी असमंजस में रहे
हमेशा हम तुम
जोड़- घटा कर कुछ प्रश्न
हल किये थे हम तुम,
किन्तु जब उत्तर शून्य मिला तो
अचंभित रह गये हम तुम
जटिल प्रश्न पर विचार कर
पुन प्रयत्न किये हम तुम
पर पाया हमने प्रारम्भ भी
शून्य और अन्त भी शून्य
डॉ. कामिनी खुराना (एम.एस., ऑब्स एंड गायनी)*